Monday, August 31, 2009

Real Life This Time.

For a long time, it seemed to me that life was about to begin. Real life. This time.
But there was always some obstacle in the way. Something to be gotten through first.. some unfinished business, something I don't want to handle, something ready to ruin my own beliefs. Something.
.
Time still to be served, a debt to be paid. Then life would begin. At last, it dawned on me that these obstacles were my life. And they still are.
But, the conscience that I can handle them, makes me believe in ME. Whether I habit it or not. Life always gives. It does. It never takes back.
.
And if someone thinks it's not, cerebrate : We are born wet, naked, and hungry. But.. Life's much better now. 

Random Thoughts Penned Down. Very Random! x')

कुछ एक अधूरी ख्वाहिशें तेरी संग आधी-अधूरी कुछ पूरी हुईं मेरी
काफी कुछ मिला है बरसों बंद पड़ी इस अलमारी में|
.
कुछ लम्हे गिर पड़े तेरे दर पर, कल जो आओ तो लेते हुए आना
दीवार घड़ी कुछ खुश नहीं है, आज|
.
आतिशें, शोला, चिंगारी सब छू लिया मैंने, अब जो समां है
बयां करू के होश कुछ कम है|
.
वो जो छुपा रहता है तेरी आँखों में कहीं, इक कतरा सा है
कम्बक़्ह्त मुझे दिखता क्यूँ है?
.
तेरी तलाश को निकला था जाने किस फिराक में, या खुदा
जो मिला तो होश तक गुम था.
.
घडी के कांटे रुक गए आज फिर हूबहू पहले की ही तरह
भूलने की कोशिश में याद किया होगा|
.
झगड़ा जो हुआ आसमां में टूट गिरा इक बादल का टुकड़ा
अब कई रोज़ बरसात न हो शायद|
.
अब जो रिश्तों पर गोंद लगाओ, पोंछ लेना भींगे कपड़े से
के कई शब अकेली भींगी हैं वो|
.
बीत जा मुझपे गर आना ही है, अनहोनी की घड़ी रुकने वाली कहाँ
घड़ी से याद आया, एक बंद पड़ी है बरसों से|
.
टूटा-फूटा नहीं जुडा-जुडा सा ही चाहिए, रंग नीला खूब फ़बेगा
ख़रीद-फ़रोख्त नहीं, ज़िन्दगी है|
.
मतलों-मक़तों की होड़ जो लगी ज़हन में तो सियाही न मिली
खैर हरेक को सबकुछ मिला कहाँ है|

बात तो एक है.

तुम ही हो बसे मुझमें हर पल
के खुदा रहता है बारहा तुममें ही कहीं|
बात तो एक है.

रात का घाना साया टूट गिरा
के उन पलकों पीछे बंद हुईं मेरी आँखें हैं|
बात तो एक है.

खुश हूँ आज बेवजह यूँ ही
के तेरी मेहंदी का रंग कुछ गहरा हुआ है|
बात तो एक है.

एक लम्हा तेरी जुदाई का है
के लूट ले गया सब कुछ मेरा कोई|
बात तो एक है.

तेरी आँखों से ढलके दो बूँद पानी
के तमाम उम्र बिन मौसम ये बरसातें|
बात तो एक है.

तेरी हर इक बात का यकीं यूँही किया
के इबादत कर दी कभी-कभार उसकी|
बात तो एक है.

कोई नयी धुन छेड़ी ज़िन्दगी ने
के तेरा नाम ज़ोर से पुकार गया कोई|
बात तो एक है.

रंगों से लिपटी तूलिका गिर पड़ी
के छू गयी उंगलियाँ तेरा हर एक रंग |
बात तो एक है.

बेवजह चल पड़ते हैं कदम तेरी ही ओर
के न ओर है न छोर इस दुनिया का|
बात तो एक है.

कुछ कहते कहते रुक गए तुम
के कहानी पूरी हो गयी ज़िन्दगी की आज|
बात तो एक है.