Monday, August 31, 2009

बात तो एक है.

तुम ही हो बसे मुझमें हर पल
के खुदा रहता है बारहा तुममें ही कहीं|
बात तो एक है.

रात का घाना साया टूट गिरा
के उन पलकों पीछे बंद हुईं मेरी आँखें हैं|
बात तो एक है.

खुश हूँ आज बेवजह यूँ ही
के तेरी मेहंदी का रंग कुछ गहरा हुआ है|
बात तो एक है.

एक लम्हा तेरी जुदाई का है
के लूट ले गया सब कुछ मेरा कोई|
बात तो एक है.

तेरी आँखों से ढलके दो बूँद पानी
के तमाम उम्र बिन मौसम ये बरसातें|
बात तो एक है.

तेरी हर इक बात का यकीं यूँही किया
के इबादत कर दी कभी-कभार उसकी|
बात तो एक है.

कोई नयी धुन छेड़ी ज़िन्दगी ने
के तेरा नाम ज़ोर से पुकार गया कोई|
बात तो एक है.

रंगों से लिपटी तूलिका गिर पड़ी
के छू गयी उंगलियाँ तेरा हर एक रंग |
बात तो एक है.

बेवजह चल पड़ते हैं कदम तेरी ही ओर
के न ओर है न छोर इस दुनिया का|
बात तो एक है.

कुछ कहते कहते रुक गए तुम
के कहानी पूरी हो गयी ज़िन्दगी की आज|
बात तो एक है.

4 comments: